Saturday 10 December 2011

तेरा आना तेरा जाना

तेरा आना तेरा जाना
बहुत हो गया ज़िन्दगी तेरा यूँ लुभाना

इस बार आओ तो  कुछ घंटों के लिए तेरी गोद उधर दे जाना
मौसम में मौसम  ए बहार दे जाना
बैठ सिरहाने लोरी गा जाना
अपने हाथों के थपकिया दे एक मीठी नींद सुला जाना
आँखों में ऐसे सपने भर जाना
मेरे हर सपने को इस बार अपना कर जाना
मेरे हथेली पर अपने प्रीत की निशानी बना जाना
प्यार की एक अनसुनी  अनकही कहानी सुना जाना
 तेरा आना तेरा जाना
बहुत हो गया ज़िन्दगी तेरा यू लुभाना

अपनी एक मुस्कान मेरे होटों पे छोड़ जाना
पतझड़ में पीले हुए पत्तों को शाख से तोड़ जाना
कंठ में मेरे प्रेम स्वर के राग भर जाना
इस बार दिल को एक रोशन ए चराग कर जाना 
दिया इंतज़ार का इस बार बुझा जाना
पालकी बिठा मुझे अपने संसार लिए जाना
तेरा आना तेरा जाना
बहुत हो गया ज़िन्दगी तेरा यू लुभाना

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