Saturday 10 December 2011

गुलमोहर

एक गुलमोहर को हवा में लहलहाते देखा
था जिसका एक भी पत्ता हरा नहीं !
क्या खुद को पावक लपटों के  कर सुपुर्द वो  डरा नहीं?
हे राम ! ये क्या विडम्बना है,
क्या सीता के एक अग्नि परीक्षा से आपका मन भरा नहीं ??

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