Random Thoughts
Saturday, 10 December 2011
मेरा वजूद उनसे है
तेरी परछाई हूँ मैं
दिल खुद से ज्यादा तुझपे यकीन करता है !
क्युकी मुझे जिंदा रखने को
तू सदियों से रौशनी-रौशनी फिरता है !!
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