Friday 9 December 2011

हम तुम !!!

जब सावन मैं तुम भीन्गोगे,
बारिश कि बूँद बनकर में तुम्हे भिन्गऊंगी ,
जब तुम शांत क्लांत साहिल बन जाओगे
लहर बनकर में तुमसे टकराऊँगी
जब काले अँधेरे आकाश कि और निहारोगे
सितारा बनकर में टीम टिमाऊँगी
जब तुम यादों कि माला पीराओगे
मोती बन में उसकी शोभा बढ़ाऊँगी
जब तुम कभी तन्हाई में खो जाओगे
तेरे होटों पे गीत बनकर में गुनगुनाऊंगी
जब तुम मेरा इकरार ऐ मोहब्बत सुन ना चाहोगे
तो तुम में और में तुम बनं जाओंगी

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